Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -10-Dec-2021 -ऐसा पहली बार हुआ

ऐसा पहली बा

जीवन की वो थी पहली घटना ,
मेरा तुमसे अचानक से मिलना |
कड़वी कड़वी हुई थी पहले बातें, 
फिर प्यार भरी हुई यहां मुलाकातें |
फोन पर अचानक से हुई थी बात ,
कुछ गलतफहमीयों का था साथ |
दुश्मन से जाने हम कब दोस्त बन गए ,
मुस्कुराते मुस्कुराते हमारे गाल दुख गए |
कुछ लिखते लिखते अब हाथ रुक गए ,
क्या कहे सनम अब हम बूंद बन गए |
शब्दों से खेलना अब हमने सीखा ,
दोस्तों से मिलकर मस्त रहना सीखा |
पिया प्यार तेरा जब हमें मिला गया ,
गुस्सा हमारा भी काफूर हो ही गया |
चेहरे पर मेरे आ गई गुलाबी रंगत , 
मुझको मिली जब तुम्हारी संगत |
दिल के टुकड़े बिखरते बिखरते बच गए ,
जानम हम तुम गिरते गिरते ही संभल गए |
पाप- पुण्य , मोह - माया सब का हुआ खात्मा ,
आज मिल गई दिलबर जब तेरी मेरी आत्मा |
ऐसा पहली बार हुआ था मेरे जीवन में ,
फूलों की तरह खिली थी तेरे आंगन में |
एहसास प्यारा सा मोहब्बतों भरा सनम ,
अब साथ तेरे ही मुझे रहना सातो जनम ||


शिखा अरोरा (दिल्ली) 

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11 Comments

Abhinav ji

12-Dec-2021 11:58 PM

Kya baat hai ,👌👌

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Niraj Pandey

10-Dec-2021 11:58 PM

बहुत खूब

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Raghuveer Sharma

10-Dec-2021 11:45 PM

bahut khub

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